कूलर की छत पे ठंड का एहसास करता पंछी
इस समय ज्येष्ट माह का उत्तराई तथा जून माह का प्रथमार्ध चल रहा है | समूचे भारत विशेषकर मध्य उत्तर एवं पश्चिम में गर्मी अपने चरम पे पहुँच गयी है | हफ़्तों से ताप ४४- ४९ डिग्री सेंटीग्रेट के बीच झूल रहा है | मानव तो मानव पशु पक्षी एवम पेड़ पौधे तक आग बरसती सूर्य कि किरणों से झुलस रहे हैं | गर्मी से अभी रहत नहीं मिलनी है |मैंने पहले भी लिखा था कि १० मई से ५ जून तक गर्मी कि तीव्रता एवं उग्रता बढती ही जाएगी तथा ताप ४६- ५० डिग्री सेंटीग्रेट पहुँच जाएगा | जून में आंधियों, बवंडरों ,तूफ़ान की अधिकता रहेगी | इन सब का क्या कारण है?
इस वर्ष सूर्य आकाशगंगा के परिक्रमापथ पर विशिष्ट बिंदु पर है जिससे ओजोन परत एवं ब्रहमांडइय किरणों कि तीव्रता एवं उग्रता बढ़ेगी| सूर्य कि सीढ़ी पड़ती किरणे भारतीय भूभाग ही नहीं अपितु अरब प्रायदीप सहारा, तिब्बत, नेपाल भूतन एवं भूमध्य सागरीय देशों एवं मध्य दक्षिणी यूरोप ,एवं मेक्सिको तबा के रख देगी| गर्मी कि उग्रता २१ जून तक यथावत रहेगी |जून के प्रथमार्थ में २-३ वर्षा एवं आंधियां गर्मी से रहत देगी| बाजार कि स्थिति भी डांवाडोल रहेगी |
झुलसाने वाली इस गर्मी के विश्वभर में तीन प्रमुख करण हैं जिनपर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है | यह कारण हैं भीषण प्रदूषण ,भूगर्भ का गिरता जल स्तर ,तथा वनों का विनाश | जल थल वायु, मृदा ,रेडियो एक्टिव अवन इलेक्ट्रानिक कचरा प्रदूषण ,प्लास्टिक एवं औधोगिक रसायनों के प्रदूषण के करण गर्मी असहनीय होती जा रही है |५० वर्ष में ही गिरता भूजल स्तर पाचों फिट नीचे भाग चुका है अत: धरती शुष्क होने से गर्मी और सर्दी दोनों अधिक पड़ रही है |पेड़ पौधों कि अन्धाधुन कटाई ने हरी भरी धरती को शुष्क ,उजाड और वीरान बना कर चयाराहित और गर्म कर दिया है |मौसम विज्ञानी,वैज्ञानिक चाहे कुछ भी कहें पर इस समय छायादार कमरे का ताप ४७-४८ डिग्री सेंटीग्रेड तथा छत पे रखे थर्मामीटर का ताप ६० डिग्री सेंटीग्रेड से ऊपर तक मैंने खुद नापा है |
मेरा तो यही कहना है कि इस वर्ष मानसून भी “सामान्य” न हों कर असामान्य रहेगा | एक तिहाई भारत अकाल और सूखे का तो दो तिहाई भारत बाढ़ कि विभीषिका झेलेगा | तडित,झंझा,समुद्री लहरों ,प्रबल भूकंपो ,ज्वालामुखी विस्फोटों से वर्षा ऋतु में प्रबल हानि होगी|
अनुमान है कि अंदमान में ३१ ,केरल में २-५ जून तक ही मानसून आएगा | भारत में एक प्रबल भूकंप का योग है |रोहिणी से शुरू यह गर्मी २१ जून तक पड़ती रहेगी और तब तक उत्तेर भारत में मानसून प्रवेश कर जाएगा |यूँ तो गर्मी का प्रकोप सितम्बर तक रहेगा लेकिन वर्षा के करण बीच बीच में काफी रहत मिलती रहेगी |
लेखक:
Dr. Dileep Kumar Singh Juri Judge, Member Lok Adalat,DLSA, Astrologist,Astronomist,Jurist,Vastu and Gem Kundli Expert. Cell:९४१५६२३५८३
2 comments:
गरज हमारी देख के, गरज-गरज घन खूब ।
बिन बरसे वापस हुवे, धमा-चौकड़ी ऊब ।
धमा-चौकड़ी ऊब, खेत-खलिहान तपे हैं ।
तपते सड़क मकान, जीव भगवान् जपे है ।
त्राहिमाम हे राम, पसीना छूटे भारी ।
भीगे ना अरमान, भीगती देह हमारी ।।
आपका भविष्य कथन सिरे चढ़ता दीख रहा है .खुदा खैर करे .
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