Wednesday, 9 May 2012

जल के लिए युद्ध और कचड़ाघर बनती नदियाँ |—- डॉ. दिलीप कुमार सिंह’


जल के लिए युद्ध और कचड़ाघर बनती नदियाँ |—- डॉ. दिलीप कुमार सिंह’
संपूर्ण पृथ्वी का सबसे अनोखा तत्व  जल है तथा नदियाँ सदैव ही मानव सभ्यता का केंद्र बिंदु रही हैं| मानव ने आदिकाल से ही अमृत तत्त्व कि खोज में अपना अमूल्य समय गंवाया है | जबकि जल ही वास्तविक रूप में अमृत है |
धरती जल कि उपस्थिति से ही परम विचित्र एवं स्रष्टि संपन्न हो सकी है |प्रथ्वी तीन चौथाई जल से ढकी होने के कारण ही अंतरिक्ष से नीली दिखाई देती है |
जल हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के मिश्रण से बना है तथा यह एक गंध हीन रंगहीन स्वाधीन तत्व है जो अशुद्धियों के मिलने के कारण ही खरा या मीठा बन जाता है | प्रथ्वी का संपूर्ण जल वाष्पित हो कर बादल, कोहरा,ओस , बन जाता है जो बाद में वर्षा के रूप में बरस कर नदियों द्वारा सागरों और महासागरों में मिल जाता है | शेष कूप,बावडियों और तालाबों में जमा हो जाता है |

Monday, 7 May 2012

अकल्पनीय और झुलसाने वाली होगी गर्मी की ऋतु |— डॉ दिलीप सिंह


तमाम आंकड़ों एवं विश्लेषणों के बावजूद इस वर्ष सर्दी कि ऋतु २९ फरवरी तक चलती रहेगी | इस वर्ष गर्मी की ऋतु अकल्पनीय रूप से प्रचंड होगी | तथा झुलसा देने वाली गर्मी से लोग  त्राहि त्राहि कर उठेंगे | फ़रवरी के अंत तक ही अधिकतम तापमान जौनपुर वाराणसी सहित तमाम स्थानों पर ३५ डिग्री पार कर लेगा. पर न्यूनतम तापमान १५-१७ डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास बना रहेगा |
इस वर्ष भारतीय ज्योतिष में नवरात्री के साथ नववर्ष २३  मार्च से विक्रम संवत २०६९ के साथ शुरू हो रहा है तथा अदभुद रूप से मंत्री और राजा शुक्र है | इस समय बुध ,ब्रहस्पति ,मंगल, शुक्र, शनि चन्द्र के साथ सूर्य कि भ्रमण रेखा पर है | अपनी आकाशगंगा में सूर्य तीव्र वेग से गतिमय होने के कारण भीषण सौर लपटों एवं उग्र विकरण से भरा हुआ है |
५ मार्च से पूरे उत्तरी भारत में गर्मी स्थाई रूप से शुरू हो जाएगी जबकि उत्तेरांचल ,हिमांचल एवं कश्मीर दार्जलिंग एवं पूर्वोत्तर भारत में गर्मी मार्च के अंतिम सप्ताह से शुरू होगी | राजस्थान  के मरुस्थल ,दक्खिन के पत्थर एवं गुजरात काफी गर्म हो जाएंगे | मार्च के अंत में परा ४० डिग्री का स्तर छु लेगा | इस समय तक पाकिस्तान ,अफगानिस्तान, अरब प्रायद्वीप ,सहारा मरुभूमि,में भी गर्मी बढ़ जाएगी |  जबकि ऑस्ट्रेलिया ,न्यूजीलैण्ड, द० अफ्रीका ,चिली, अर्जेंटीना ,आदि में शीत ऋतु शुरू होगी | पूर्वांचल एवं वाराणसी तथा लखनऊ में भी २-३ बार मौसम परिवर्त छिटपुट वर्षा होगी |
अरब प्रायद्वीप रूस द० अमरीका उत्तरी अफ्रीका के देशों में जनविरोध प्रदर्शन और सत्ता पलट होगी | इरान और अमरीका युद्ध के कगार पे पहुँच जाएंगे लेकिन अमरीका को पीछे हटना पड़ेगा | महारष्ट्र ,गोवा ,तमिलनाडु, उत्तेर प्रदेश सहित तमाम जगहों पे व्यापक परिवर्तन होंगे और अनेक बड़े नेता त्यागपत्र देंगे और कई जेल जाएंगे |विधुत दुर्व्यवस्था एवं अराजकता पुलिस का तांडव नियंत्रण रहित होगा | गैस और पेट्रो पदार्थों का दाम मार्च में अवश्य बढ़ेगा |
अप्रैल- मई पूरे भारत के लिए सबसे गर्म और दुखदायी सिद्ध होंगे | अप्रैल के अंत तक भारत में ४५ डिग्री का स्टार पार हो  जाएगा | जौनपुर, वाराणसी,सुल्तानपुर,इलाहबाद ,सोनभद्र आदि में कुछ जगहों पे यह तापमान ४५-५० डिग्री सेन्टीग्रेड के स्तर को छु लेगा |दर्जनों छोटी बड़ी आँधियों ४ बड़े तूफ़ान एवं चक्रवात और २ बड़े भूकंप जनमानस को हिला कर रेख देंगे |
भारत में मानसून ३१ मई से ३ जून के बीच उठेगा जो १० से १५ तक महाराष्ट्र गोवा तथा १५-२५ जून तक उत्तर प्रदेश , गुजरात, मध्यप्रदेश ,पूर्वोत्टर भारत, छतीसगढ़, बंगाल बिहार तक तथा २५ जून से ५ जुलाई तक पंजाब ,कश्मीर होता हुआ पाकिस्तान पहुँच जाएगा | भीषण वर्षा के बावजूद उमस एवं गर्मी सितम्बर २०१२ तक चलती रहेगी |
Dr. Dileep Kumar Singh